आज सोचा ब्लागिंग की शुरुआत की जाए, हिन्दी से जो जुडाव टूट चुका है उन टूटी हुई कडियों को शायद जोडनें का कोई माध्यम ही मिल जाए। आज देव जी के कहनें के बाद हिन्दी ब्लागिंग शुरु कर रहीं हूं।
आज पहली प्रस्तुति के रुप में कुछ लाईनें विष्णु नागर जी की कविता "फर्क पड़ता है" से.....
मौसम बदलता है तो फर्क पड़ता है
चिडिया चहकती है तो फर्क पड़ता है
बेटी गोद में आती है तो फर्क पड़ता है
किसी का किसी से प्रेम हो जाता है तो फर्क पड़ता है
भूख बढ़ती है, आत्महत्याएं होती हैं तो फर्क पड़ता है
आदमी अकेले लड़ता है तो भी फर्क पड़ता है
आसमान में बादल छाते हैं तो फर्क पड़ता है
आंखें देखती हैं, कान सुनते हैं तो फर्क पड़ता है
यहां तक कि यह कहने से भी आप में और दूसरों में फर्क पड़ता है
कि क्या फर्क पड़ता है!
जहां भी आदमी है, हवा है, रोशनी है, आसमान है, अंधेरा है
पहाड़ हैं, नदियां हैं, समुद्र हैं, खेत हैं, पक्षी हैं, लोग हैं, आवाजें हैं
नारे हैं
फर्क पड़ता है
फर्क पड़ता है
इसलिए फर्क लाने वालों के साथ लोग खड़े होते हैं
और लोग कहने लगते हैं कि हां, इससे फर्क पड़ता है।
बस तो फ़िर आज से ब्लागिंग शुरु..... देखते हैं की इससे क्या फ़र्क पडता है।
-मनीषा
14 comments:
बहुरिया,
तोहार ससुराल रूपी इस ब्लॉग जगत में बहुत बहुत स्वागत बा !
ससुराल इस लिए कह रहे है .....काहे कि आप से मिलना देव बाबु के कारण ही हुआ है !
आप दोनों सदा खुश रहो बस यही आशीर्वाद दे सकते है हम लोग इतने दूर से !
हाँ, इस बात का यकीन जरूर दिलाता हूँ कि किसी भी राजश्री वालों की फिल्म की भाति ही इस ससुराल में आपको कोई कष्ट नहीं होगा ! सब का भरपूर स्नेह मिलेगा ....... हम लोग एक परिवार है यहाँ ........और इस परिवार के एक सदस्य और देव के भाई की हैसियत से आपका स्वागत करते हुए मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है !
बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
blog jagat me aapka swaagat hai ......badhiyaa prastuti
बधाई
Suswagatam Bhauji.. :)
आगाज तो अच्छा है अंजाम भी अच्छा ही होगा...आपका स्वागत है...
http://veenakesur.blogspot.com/
sahi me farak to padta hai...:)
kavita share karne ke liye thanx...achhi lagi..
बहुत अच्छी कविता धन्यवाद|
"क्या फर्क पड़ता है!"
यही फर्क है एक मामूली से शब्द या बात को कविता का रूप देना.
सोच शब्द तथा प्रस्तुति प्रशंसनीय - शुभकामनाएं
aapka hardik swagat hai Bloggers ki adhbhut aur sajeelii aur rangbirangi Duniya mei ... chali aayiye aur Lutf uthaaiye ..
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
मनीषा जी, बहुत बहुत स्वागत है ब्लोगिंग जगत में ...बहुत बहुत शुभकामनायें आगे के सफर के लिए ....
आपका लेखन यूँ ही चलता रहे तो फर्क पड़ता है.
........... और पड़ेगा ही जब दिल की बजाय दिमाग से लेने लगें काम तो फर्क पड़ता है.
............... बेहद अच्छी रचना.
फर्क पड़ता है
इसलिए फर्क लाने वालों के साथ लोग खड़े होते हैं...
स्वागत...
देव जी के साथ मनीषा जी का स्वागत
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